उज्जैन। 6 माह पहले बिजली कंपनी के फर्जी अधिकारी बनकर 53 लाख का लोन प्राप्त करने आरोपियों को गिरफ्तार करने पर फायनेंस कंपनी के सेल्स आॅफिसर की भूमिका सामने आई थी। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
माधवनगर थाना एसआई अंकित बनोधा ने बताया कि 23 नवम्बर को दशरथ शर्मा निवासी जावरा रतलाम एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के अधिकारी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कंपनी के सीनियर सेल्स मैनेजर राहुलसिंह गौड़ व दीपक बोड़ाना ने बीते दिनों तीन लोगों को 53 लाख रुपये का लोन दिया है। इनमें गोपाल विश्वकर्मा को 15 लाख रुपये, रमेश कुमार शर्मा को 18 लाख रुपये तथा सतीश राव 20 लाख रुपये का पर्सनल लोन दिया गया था। तीनों ने खुद को बिजली कंपनी का अधिकारी बताया था। जिसके दस्तावेज भी लोन लेने के एवज में कंपनी को दिए गए थे। फाइनेंस कंपनी द्वारा लोन देने के बाद जब तीनों के दस्तावेजों की जांच के लिए बिजली कंपनी से संपर्क किया तो पता चला कि तीनों बिजली कंपनी के अधिकारी नहीं है। मामले में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने के बाद लोन प्राप्त करने वाले तीनों आरोपियों के साथ फायनेंस कंपनी के सीनियर सेल्स मैनेजर राहुलसिंह गौड़ और मिलीभगत में शामिल 3 अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया था। सेल्स आॅफिसर दीपक पिता बाबूलाल बोडाना निवासी ग्राम सुनेरा शाजापुर फरार चला था। जांच में पता चला था कि फर्जी तरीके से लोन प्राप्त करने वाले तीनों आरोपियों के दस्तावेज दीपक ने बिजली कंपनी के नाम पर तैयार किये थे। जिसके बाद से उसकी सरगर्मी से तलश जारी थी। एसआई बनोधा के अनुसार 6 माह बाद दीपक को गिरफ्तार कर रिमांड पर पूछताछ की गई। प्रकरण में कई जानकारी सामने आने के बाद शनिवार को रिमांड खत्म होने पर उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया है।
